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बुधवार, 16 जून 2021

कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी: किसी के लिए है ये तहखाना, तो किसी के लिए भुतहा, आखिर क्या है इसका राज़? Secrets of Kolkata National Library

देश के प्रेतवाधित स्थानों में शामिल है कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी. ये नेशनल लाइब्रेरी अपनी दुर्लभ किताबों और डरावने अनुभवों के लिए जानी जाती है.






अपने प्राचीन इतिहास के साथ -साथ भारतीय भूमि कई अनसुलझे रहस्यों का गढ़ भी मानी जाती है. यहां कई ऐसे प्राचीन स्थल मौजूद हैं, जो अपनी प्रेतवाधित घटनाओं और डरावने अनुभवों के लिए चर्चा का विषय रहे हैं. इनमें प्राचीन खंडहरनुमा किलों से लेकर अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए भवन भी शामिल हैं. आइये, Most Haunted Places of India में शामिल ऐसे ही एक Paranormal Site के बारे में जानते हैं, जो भारत की पुरानी राजधानी कोलकाता में स्थित है. 

कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी

कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी 

जी हां, कोलकाता की नेशनल लाइब्रेरी को Haunted Places of India की सूची में शामिल किया गया है. ये नेशनल लाइब्रेरी अपनी दुर्लभ किताबों और डरावने अनुभवों के लिए जानी जाती है. कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी, शहर के बेलवेडर रोड के पास मौजूद है. भारत की आज़ादी से पहले ये गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया का आधिकारिक आवास हुआ करती थी. यहां लगभग 22 लाख किताबों और पुराने दस्तावेजों को संग्रहित किया गया है.   

जानें इसका संक्षिप्त इतिहास
कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी

सन 1757 में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को धोखे से हराकर मीर जाफ़र बंगाल का नवाब बना, लेकिन सत्ता अंग्रेजों के हाथ में ही थी. मीर जाफ़र ने बेलवेडोर भवन (अलीपुर स्थित) का निर्माण करवाया. इसके बाद इस भवन को लेफ़्टिनेंट गवर्नर ऑफ़ बंगाल का आधिकारिक आवास बनाया गया. फिर 1836 में यहां से कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी को शुरू किया गया.   

ऐसे बनी नेशनल लाइब्रेरी

प्रिंस द्वारका नाथ टैगोर को कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी का पहला अधिकारी बनाया गया. फिर कुछ समय बाद कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी को इंपीरियल लाइब्रेरी में बदल दिया गया. लेकिन, अब तक इसे आम पाठकों के लिए खोला नहीं गया था. अंत में भारत की आजादी के बाद इंपीरियल लाइब्रेरी को कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी बना दिया गया. इसके बाद इस पुस्तकालय को आम लोगों के लिए खोला गया. 

डरावने अनुभव


horor

इस प्रेतबाधित लाइब्रेरी से कई रहस्यमयी कहानियां जुड़ी हुई हैं. यहां पढ़ने आए कई पाठकों का मानना है कि यहां कोई अदृश्य साया मौजूद है. वहीं, कई पाठकों का कहना है कि उन्होंने किसी अदृश्य शक्ति के चलने की आवाजें सुनी है. वहीं, कई लोग ये मानते हैं कि यहां पूर्व गवर्नर जनरल की पत्नी का साया घूमता है. हालांकि, इन बातों में कितनी सच्चाई है, यह कहा नहीं जा सकता है.



कुछ लोगों का मानना है कि जब इस इमारत का निर्माण चल रहा था, तब यहां कई लोगों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी. हालांकि, इस बात में कितनी सच्चाई है, इस बात का कोई सटीक प्रमाण नहीं मिलता, लेकिन लोगों के डरवाने अनुभवों की वजह से इस स्थान को प्रेतबाधित स्थलों में शामिल कर लिया गया. 

गुप्त तहखाने का राज़


गुप्त तहखाने का राज़

2010 में इस ऐतिहासिक भवन की मरम्मत का काम करवाया गया. इस काम में संस्कृति मंत्रालय ने आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया की मदद ली. मरम्मत के दौरान यहां एक ऐसे राज़ का पर्दाफ़ाश हुआ जिसने सबको चौंका कर रख दिया. यहां एक गुप्त तहखाने का पता चला. ये तहखाना लगभग 1000 वर्ग फ़ुट का था. वहीं, इसमें न कोई दरवाज़ा था और न ही कोई खिड़की. 

खज़ाना रखने की जगह या यातना कक्ष


खज़ाना रखने की जगह या यातना कक्ष

कई लोगों का मानना था कि इस तहखाने का इस्तेमाल यातना कक्ष के रूप में किया जाता था. वहीं, कई लोग मानते थे कि इसे तहखाने में खज़ाना रखा जाता था. हालांकि, इन बातों में कितना सच्चाई है इसका पता आज तक नहीं लग सका है.   

दोस्तों ये थी कोलकाता की नेशनल लाइब्रेरी से जुड़ी अनसुनी बातें. आपको यह आर्टिकल कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं


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